न्यायमूर्ति संजय किशन कौल

माननीय न्यायमूर्ति श्री संजय किशन कौल का जन्म 26 दिसंबर, 1958 को हुआ था। उन्होंने 1976 तक मॉडर्न स्कूल, नई दिल्ली में पढ़ाई की और 1979 में सेंट स्टीफेंस कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र (ऑनर्स) में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
माननीय न्यायमूर्ति कौल ने 1982 में कैंपस लॉ सेंटर, दिल्ली विश्वविद्यालय से एल.एल.बी. की उपाधि प्राप्त की और 15 जुलाई, 1982 को दिल्ली के बार काउंसिल में एक अधिवक्ता के रूप में नामांकित हुए। उन्होंने मुख्य रूप से दिल्ली उच्च न्यायालय और भारत के सर्वोच्च न्यायालय के वाणिज्यिक, सिविल, रिट, मूल और कंपनी क्षेत्राधिकार में वकालत की।
मामलों में संवैधानिक, बैंकिंग, वित्त और बीमा, सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क, एमआरटीपी, रियल एस्टेट, प्रशासनिक, सहकारी, वाणिज्यिक, सेवा, दूरसंचार, एंटी-डंपिंग कानून, आदि सहित अन्य प्रकृति के वादों के अलावा एमआरटीपी आयोग, कंपनी लॉ बोर्ड, ऋण वसूली अधिकरण और मध्यस्थों के समक्ष प्रस्तुत होना भी शामिल था।
वह 1987 से 1999 तक भारत के सर्वोच्च न्यायालय के अभिलेख-अधिवक्ता रहे और दिसंबर 1999 में उन्हें वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया। माननीय न्यायमूर्ति को दिल्ली उच्च न्यायालय और दिल्ली विश्वविद्यालय के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता भी नियुक्त किया गया था, वे भारत संघ के वरिष्ठ पैनल में थे और वे डीडीए के लिए अतिरिक्त वरिष्ठ स्थायी अधिवक्ता रहे।
माननीय न्यायमूर्ति को 3 मई, 2001 को दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया और 02 मई, 2003 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।
23.09.2012 से 25.09.2012 तक माननीय न्यायमूर्ति को दिल्ली उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था।
माननीय न्यायमूर्ति को 01.06.2013 को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।
माननीय न्यायमूर्ति ने 26.07.2014 को मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण किया।
माननीय न्यायमूर्ति को 17.02.2017 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया।
माननीय न्यायमूर्ति की थिएटर, संगीत और गोल्फ में गहरी रुचि है।