न्यायमूर्ति हिमा कोहली

2 सितंबर, 1959 को दिल्ली में जन्मीं न्यायमूर्ति कोहली ने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट थॉमस स्कूल, नई दिल्ली से की और सेंट स्टीफ़ंस कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास, ऑनर्स में स्नातक किया। उन्होंने प्रथम श्रेणी में इतिहास में स्नातकोत्तर की शिक्षा पूरी की और उसके बाद लॉ फ़ैकल्टी, कैंपस लॉ सेंटर, दिल्ली विश्वविद्यालय में एल.एल.बी. कोर्स में दाखिला लिया और वर्ष 1984 में इसे पूरा किया।
- 1999-2004 तक दिल्ली उच्च न्यायालय में नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के स्थायी अधिवक्ता और विधिक सलाहकार थीं।
- इसके बाद उसी वर्ष बार काउंसिल ऑफ़ दिल्ली में एक अधिवक्ता के रूप में नामांकित हुईं।
- दिसंबर, 2004 में दिल्ली उच्च न्यायालय में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के अतिरिक्त स्थायी अधिवक्ता सिविल के रूप में नियुक्त की गई थीं।
- इन्होंने कई महत्वपूर्ण जनहित याचिकाओं में दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व किया है।
- लोक शिकायत आयोग, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति, भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम और अन्य निजी संगठनों, बैंकों आदि की विधिक सलाहकार थीं।
- दिल्ली उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति की सदस्य थीं, जो विधि सेवा प्राधिकरण अधिनियम के तहत गठित एक वैधानिक निकाय है।
- 29 मई 2006 को दिल्ली उच्च न्यायालय के अपर न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुई और 29.08.2007 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।
- 11.8.2017 से वेस्ट बंगाल नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ जुरिडिकल साइंसेज़ न्यायिक विज्ञान, कोलकाता की सामान्य परिषद के सदस्य के रूप में नियुक्त की गईं।
- 07.05.2019 से राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रकाशित आधिकारिक पत्रिका न्याय दीप की संपादकीय समिति के सदस्य के रूप में नामांकित हुईं।
- 11.3.2020 से दिल्ली न्यायिक अकादमी की समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त की गईं।
- कोविड-19 महामारी के चलते सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की जेलों में भीड़ कम करने के लिए भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 23.3.2020 के संदर्भ में, 26.3.2020 को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार द्वारा गठित एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त की गईं।
- 20.05.2020 से दिल्ली राज्य विधिक सेवाएँ प्राधिकरण की कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त की गईं।
- 29.06.2020 से दिल्ली उच्च न्यायालय मध्य आय समूह विधिक सहायता समिति की अध्यक्ष के रूप में नियुक्त की गईं।
- 30.06.2020 से नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के शासी परिषद् की सदस्य के रूप में नियुक्त की गईं।
- उच्च न्यायालय की प्रशासनिक एवं सामान्य पर्यवेक्षण समिति की सदस्य थीं।
- दिल्ली उच्च न्यायालय भवन और रखरखाव समिति, मध्यस्थता और सुलह समिति और परिवार न्यायालय समिति की अध्यक्ष थीं।
एक न्यायाधीश के रूप में अपने आधिकारिक कर्तव्यों को निभाने के अलावा, वह वैकल्पिक विवाद समाधान मंच के रूप में मध्यस्थता को बढ़ावा देने, पारिस्थितिकी और पर्यावरण के संरक्षण में न्यायपालिका की भूमिका और पारिवारिक विवादों को हल करने में पारिवारिक न्यायालयों की भूमिका को उजागर करने में गहरी रुचि लेती हैं। उन्होंने इन विषयों पर कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों और सम्मेलनों में भाग लिया है और शोधपत्र प्रस्तुत किए हैं।
- 07.01.2021 को तेलंगाना राज्य के लिए उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति के रूप में शपथ ली।
- नेशनल एकेडमी ऑफ़ लीगल स्टडीज़ एंड रिसर्च [एन.ए.एल.एस.ए.आर.] यूनिवर्सिटी ऑफ़ लॉ, हैदराबाद की कुलाधिपति के रूप में नियुक्त की गईं।
- 31.08.2021 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय की न्यायाधीश के रूप में नियुक्त की गई।
- 30 अगस्त, 2024 को सेवानिवृत्त हुए।