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    न्यायमूर्ति अरविंद कुमार

    aravind kumar

    स्कूली शिक्षा और कॉलेज शिक्षा बेंगलुरु से की और उपाधि के लिए नेशनल कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की और बेंगलुरु विश्वविद्यालय से विधि की शिक्षा पूरी की। छात्र जीवन के दौरान, छात्र संघ नेता के रूप में सक्रिय थे और बैंगलोर विश्वविद्यालय छात्र कार्रवाई समिति के उपाध्यक्ष थे।

    वर्ष 1987 में अधिवक्ता के रूप में नामांकित होने के बाद लगभग 3 वर्षों तक विचारण न्यायालय में उपस्थित रहे। वर्ष 1990 से उनकी वकालत उच्च न्यायालय में स्थानांतरित हो गयी और वह स्वतंत्र रूप से वकालत करने लगे। वर्ष 1999 में कर्नाटक उच्च न्यायालय में केंद्र सरकार के अतिरिक्त स्थायी अधिवक्ता के रूप में नियुक्त किया गया। वर्ष 2002 में भारत सरकार द्वारा क्षेत्रीय प्रत्यक्ष कर सलाहकार समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया।

    वर्ष 2005 में भारत के सहायक महासॉलिसिटर नियुक्त किये गये। भारतीय संविधान, केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम, सीमा शुल्क अधिनियम, सिविल प्रक्रिया संहिता, दण्ड प्रक्रिया संहिता आदि से संबंधित मामलों का संचालन किया। विधानसभा और संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों से संबंधित कई निर्वाचन याचिकाओं का भी संचालन किया। 11 वर्षों तक आयकर विभाग के स्थायी अधिवक्ता के रूप में कराधान पक्ष पर भी वकालत की। विभिन्न वैधानिक निगमों और कंपनियों के विधिक सलाहकार थे।

    वह लहरी एडवोकेट्स फोरम के संस्थापक सदस्यों में से एक थे, जो विधिक शिक्षा को बढ़ावा देने, युवा अधिवक्ताओं को प्रशिक्षण देने, अधिवक्ताओं हेतु विभिन्न विषयों पर कार्यशालाओं का संचालन करने, न्यायिक अधिकारियों के रूप में नियुक्ति चाहने वाले युवा अधिवक्ताओं के लिए अभिविन्यास पाठ्यक्रम आयोजित करने हेतु प्रतिष्ठित वरिष्ठ अधिवक्ताओं द्वारा प्रवर्तित संगठन था और वह इसके उपाध्यक्ष भी थे। अनेक स्वयंसेवी संस्थाओं से जुड़े रहे। पदोन्नति तक केंद्रीय जाँच ब्यूरो के विशेष लोक अभियोजक रहे। 26-6-2009 को कर्नाटक उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया और उक्त तिथि को पद की शपथ ली और 07-12-2012 से स्थायी न्यायाधीश बना दिया गया। गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया और 13.10.2021 को पद की शपथ ली और 12.02.2023 तक अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया। भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया और 13.02.2023 को पद की शपथ ली।