न्यायमूर्ति अर्जन कुमार सीकरी

7 मार्च, 1954 को जन्मे । उत्कृष्ट शैक्षणिक रिकॉर्ड था। सीबीएसई, दिल्ली से उच्चतर माध्यमिक में वरीयता सूची में तीसरे स्थान पर रहे। वर्ष 1974 में श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, दिल्ली विश्वविद्यालय से बी.कॉम (ऑनर्स) और वर्ष 1977 में लॉ फैकल्टी, दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी किया। एलएल.बी. में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए स्वर्ण पदक से सम्मानित किए गए । संवैधानिक कानून I और II में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने के लिए विशेष पुरस्कार से सम्मानित किए गए । एलएलबी के सभी छह सेमेस्टर में प्रथम स्थान हासिल करने और एलएलबी पाठ्यक्रम के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के सभी संभावित पुरस्कार और पदक प्राप्त करने का गौरव प्राप्त हुआ। दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलएम किया और तीन वर्ष के पाठ्यक्रम में पहला स्थान हासिल किया। विभिन्न पाठ्येतर गतिविधियों में पदक और पुरस्कार जीते। 1976-77 में कैम्पस लॉ सेंटर, दिल्ली विश्वविद्यालय के अध्यक्ष रहे। वर्ष 1976-77 में दिल्ली विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद और दिल्ली विश्वविद्यालय की विभिन्न समितियों के सदस्य रहे। 9वीं कक्षा से लेकर एलएलएम तक की स्कूली शिक्षा के दौरान उन्हें हर साल छात्रवृत्ति दी जाती थी।
- जुलाई, 1977 में दिल्ली बार काउंसिल में एक अधिवक्ता के रूप में नामांकित हुये और दिल्ली में वकालत शुरू की। संवैधानिक मामलों, श्रम-सेवा मामलों और मध्यस्थता मामलों में विशेषज्ञता के साथ सभी प्रकार के मामलों का संचालन किया। कई सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, शैक्षणिक संस्थानों, बैंकों और वित्तीय संस्थानों और विभिन्न निजी क्षेत्र के निगमों के लिए अधिवक्ता थे। कैम्पस लॉ सेंटर, दिल्ली विश्वविद्यालय (1984-89) में अंशकालिक व्याख्याता भी रहे। 1994-95 के दौरान दिल्ली उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष थे। समय-समय पर विभिन्न महाविद्यालयों की शासकीय निकाय के सदस्य रहे। 30 सितंबर, 1997 को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया।
- दिनांक 7 जुलाई, 1999 से दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए गए। एक न्यायाधीश के रूप में, उन्होंने सभी प्रकार के न्यायक्षेत्रों को निपटाया और कई ऐतिहासिक फैसले दिये। विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सेमिनारों कि अध्यक्षता की है और कार्यशालाओं में भाग लिया और उनमें कई पत्र प्रस्तुत किए हैं। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में अनेक लेख प्रकाशित होते रहते हैं।
- वर्ष 2007 के लिए मैनेजिंग इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी एसोसिएशन (एमआईपीए) द्वारा किए गए सर्वेक्षण में दुनिया में बौद्धिक संपदा के क्षेत्र में 50 सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में से एक चुना गया था।
- दिनांक10 अक्टूबर, 2011 से दिल्ली उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बने और 23.9.2012 को उन्हें पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया।
- 12 अप्रैल, 2013 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत किया गया।
नवंबर 2013 में डॉ. राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, लखनऊ द्वारा डॉक्टरेट ऑफ लॉ, मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है।
उनके पास निम्नलिखित पद हैं:
राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी की आम सभा के साथ-साथ अकादमिक परिषद के सदस्य।
भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश द्वारा कानून की पुनर्कथन समिति के सदस्य के रूप में नामांकित।
सदस्य कार्यकारी, अंतर्राष्ट्रीय विधि संगठन (भारत शाखा)।
बैंगलोर विधि विश्वविद्यालय की शासन परिषद् के सदस्य।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा गठित कानूनी अध्ययन निदेशालय और कानून सुधार समिति के सदस्य।