न्यायमूर्ति दीपक वर्मा

न्यायमूर्ति दीपक वर्मा का जन्म 28.08.1947 को जबलपुर में हुआ। उन्होंने स्कूली शिक्षा क्राइस्ट चर्च, महाकौशल हाई स्कूल, मॉडल हाई स्कूल से की और अंत में नवीन विद्या भवन, जबलपुर से मैट्रिक की पढ़ाई की। मैट्रिक के बाद उन्होंने गवर्नमेंट साइंस महाविद्यालय, जबलपुर में बीएससी में प्रवेश लिया था, लेकिन बाद में विज्ञान से कला में परिवर्तित करके सेंट अलॉयसियस कॉलेज, जबलपुर से बी.ए. किया। उन्होंने जबलपुर विश्वविद्यालय से एलएलबी पूरी की। उन्हें वर्ष 1972 में एक अधिवक्ता के रूप में नामांकित किया गया था। उन्होंने वर्ष 1994 में अपने पिता स्वर्गीय श्री आर.पी. वर्मा, जो अपने समय के एक महान सिविल अधिवक्ता थे, के तहत पदोन्नति तक मुख्य रूप से सिविल पक्ष में वकालत किया। वह अगस्त, 2005 तक इंदौर के प्रशासनिक न्यायाधीश थे। इसके बाद, म.प्र. उच्च न्यायालय, जबलपुर में प्रशासनिक न्यायाधीश के रूप में कार्यरत रहे। भोपाल गैस पीड़ितों को मुआवजे की राशि वितरित करने के लिए उन्हें भोपाल गैस पीड़ितों के कल्याण आयुक्त के रूप में भी नियुक्त किया गया था। उनके कार्यकाल के दौरान लगभग सभी पीड़ितों को मुआवजा दिया गया है, सिवाय उन लोगों को छोड़कर जिनका नोटिस के बावजूद पता नहीं चल पाया। उन्हें 02.01.2008 को कर्नाटक उच्च न्यायालय, बैंगलोर में न्यायाधीश के रूप में स्थानांतरित किया गया था। वह वहां सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश थे। 04.03.2009 को उन्हें राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया। उन्होंने 06.03.2009 को राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। उन्हें 11.05.2009 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था।