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परिचय
निम्नलिखित अधिकारियों को 1 फरवरी, 2007 से सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 5(1) और धारा 19(1) के तहत भारत के सर्वोच्च न्यायालय के लिए केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय प्राधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है।.
केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी
श्रीमती हिमानी सरद
अतिरिक्त निबंधक(रजिस्ट्रार)/सूचना एवं सांख्यिकी अधिकारी
भारत का सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली।.
दूरभाष : 23073580/ फैक्स नंबर 23073240
ई-मेल:supremecourt[at]nic.in
सर्वोच्च न्यायालय हेतु पारदर्शिता अधिकारी
सुश्री ग्रेसी एल. बाविटलुंग, निबंधक(रजिस्ट्रार)
पारदर्शिता अधिकारी
भारत का सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली।
दूरभाष (फैक्स) नं.011-23074211
ई-मेल:supremecourt[at]nic.in
प्रथम अपीलीय प्राधिकारी
श्री कुंतल शर्मा पाठक
निबंधक(रजिस्ट्रार)/प्रथम अपीलीय प्राधिकारी (01.02.2025 से लागू)
भारत का सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली।
दूरभाष -23387954 / फैक्स नंबर 23384336
ई-मेल:supremecourt[at]nic.in
नोट::
श्री एम.के. हंजूरा, रजिस्ट्रार
प्रथम अपील प्राधिकारी
(11.10.2015 तक)
श्री एम.वी. रमेश, रजिस्ट्रार
प्रथम अपील प्राधिकारी
(05.05.2017 तक)
श्री संजय परिहार, रजिस्ट्रार
प्रथम अपील प्राधिकारी
(30.06.2018 तक)
श्री कपिल मेहता, रजिस्ट्रार
प्रथम अपील प्राधिकारी
(30.09.2018 तक)
श्री अनिल लक्ष्मण पानसरे, रजिस्ट्रार
प्रथम अपील प्राधिकारी
(28.07.2021 तक [ए.एन.])
श्री चिराग भानु सिंह, रजिस्ट्रार
प्रथम अपील प्राधिकारी
(08.11.2021 तक)
श्रीमती अंजू बजाज चांदना, रजिस्ट्रार
प्रथम अपील प्राधिकारी
(08.11.2022 तक)
श्री एच. शशिधर शेट्टी, रजिस्ट्रार
प्रथम अपील प्राधिकारी
(31.01.2025 तक)
सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005
यह रजिस्ट्री वर्तमान में सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 (2005 का 22) के प्रावधानों का अनुसरण कर रही है जो भारत के सर्वोच्च न्यायालय की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है।.
सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के अंतर्गत शुल्क
वर्तमान में यह रजिस्ट्री आवेदन शुल्क, जानकारी प्रदान करने के लिए शुल्क और शुल्क के भुगतान से छूट के संबंध में कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के जी.एस.आर. 603 (ई) दिनांक 31.07.2012 का पालन कर रही है।
रु. 10/- या तो नकद में या भारतीय पोस्टल ऑर्डर के माध्यम से या रजिस्ट्रार / लेखा अधिकारी, भारत के सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली के पक्ष में मनी ऑर्डर या डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से। टिप्पणी: न्यायालय शुल्क और चेक स्वीकार्य नहीं हैं क्योंकि ये नियमों के अनुसार वैध मोड नहीं हैं।
सूचना का अधिकार अधिनियम,2005 की धारा 4(1)(बी) के तहत अनुपालन