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    गांधी जयंती और लाल बहादुर शास्त्री जयंती

    प्रकाशित तिथि: February 19, 2024

    भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने सर्वोच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के साथ मिलकर आज नई दिल्ली में गांधी जयंती और लाल बहादुर शास्त्री जयंती मनाई। इस अवसर पर स्वच्छता अभियान चलाया गया और सर्वोच्च न्यायालय प्रांगण में महात्मा गांधी की प्रतिमा और श्री लाल बहादुर शास्त्री की तस्वीर पर माल्यार्पण किया गया। समारोह की अध्यक्षता माननीय न्यायमूर्ति श्री संजीव खन्ना ने की। उन्होंने गांधीवादी दर्शन की प्रासंगिकता पर जोर दिया और इस अवसर पर बोलते हुए महात्मा गांधी को उद्धृत किया, “तथ्यों का अर्थ सत्य है, और एक बार जब हम सत्य का पालन करते हैं, तो कानून स्वाभाविक रूप से हमारी सहायता के लिए आता है”। न्यायमूर्ति खन्ना ने यह भी कहा कि लाल बहादुर शास्त्री देश के प्रति निस्वार्थ भक्ति वाले सच्चे गांधीवादी थे।

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    भारत के मुख्य न्यायाधीश, माननीय न्यायमूर्ति डॉ. धनंजय वाई चंद्रचूड़ ने अपने संदेश में कहा कि “गांधी जयंती के इस विशेष अवसर पर, हम अपने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मनाते हैं, जिनके अहिंसा, सत्य, और आत्म-अनुशासन के सिद्धांत न्याय की खोज में हमें प्रेरित करते रहते हैं।” भारत के मुख्य न्यायाधीश ने श्री लाल बहादुर शास्त्री का भी उनकी जयंती पर सत्कार किया और एक सशक्त और आत्मनिर्भर भारत के लिए दिग्गज नेता के दृष्टिकोण पर जोर दिया।

    माननीय मुख्य न्यायाधीश ने दोहराया कि “स्वच्छता, जैसा कि महात्मा गांधी ने जोर दिया था, केवल एक शारीरिक कार्य नहीं है किंतु हमारी आंतरिक स्थिति का प्रतिबिंब है।” उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के सदस्यों से आग्रह किया कि वे इस अवसर को न्याय, अखंडता और हमारे संविधान के मूल्यों को बनाए रखने के लिए सामान्य प्रतिबद्धता की याद दिलाएं। “आइए हम न केवल अपने भौतिक पर्यावरण को स्वच्छ रखें अपितु एक स्वच्छ, अधिक पारदर्शी और जवाबदेह कानूनी प्रणाली के लिए भी प्रयास करें। सीजेआई ने अपने संदेश में आगे कहा, “आइए हम सब मिलकर एक न्यायपूर्ण और स्वच्छ समाज की खोज में अपनी यात्रा जारी रखें” ।