18 जून 1958 को जन्म हुआ। अपने पिता स्वर्गीय श्री हरीश चंद्र रस्तोगी के नक्शेकदम पर चले। जो राजस्थान उच्च न्यायालय में एक प्रतिष्ठित सिविल अधिवक्ता थे और 1982 में बार में शामिल हुये थे।
बार में अपने वर्षों के दौरान कानून के विभिन्न क्षेत्रों में वकालत किया लेकिन संवैधानिक और सेवा कानूनों में विशेषज्ञता हासिल की। वर्ष 1990 में राजस्थान उच्च न्यायालय के लिए स्थायी अधिवक्ता के रूप में नामांकित किया गया और वर्ष 2004 में उनकी पदोन्नति तक इस पद पर बने रहे। वर्ष 1999-2000 में जयपुर में राजस्थान उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बने रहे।
राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के बाद वह 14.10.2013 से 18.10.2016 तक राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष रहे। उनके नेतृत्व में, एसएलएसए ने लगातार तीन वर्षों तक राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण से राष्ट्रीय पुरस्कार जीता। 19.07.2014 को राजस्थान उच्च न्यायालय के प्रशासनिक न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया और 01.03.2018 को त्रिपुरा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनकी पदोन्नति तक इस पद पर बने रहे। 14.04.2016 से 13.05.2016 तक राजस्थान उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश भी रहे।
02.11.2018 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गए।