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    न्यायमूर्ति एम.एम. पुंछी

    punchhi

    श्री मदन मोहन पुंछी पिताजी का नाम: अधिवक्ता,स्वर्गीय श्री नंद लाल पुंछी। जन्मतिथि: 10 अक्टूबर, 1933। पाकिस्तान स्थित पाकपट्टन, जिला मोंटगोमरी में जन्म। स्थायी पता: 160, सेक्टर-8 ए, चंडीगढ़। शिक्षा: प्रारंभिक स्कूली शिक्षा अमृतसर, सेक्रेड हार्ट स्कूल से हुई। आगामी स्कूली शिक्षा पाकपट्टन, आर्य हाई स्कूल में हुई। देश के विभाजन के पश्चात, भारत प्रवास पर, फ़िरोज़पुर में बस गए और आगे की पढ़ाई के लिए डी.सी. जैन कॉलेज में दाखिला लिया। डी.ए.वी. कॉलेज, जालंधर से स्नातक किया। वर्ष 1955 में दिल्ली विश्वविद्यालय के कानून विभाग से कानून की डिग्री और प्रवीणता का प्रमाण पत्र प्राप्त किया। अनुभव: वर्ष 1955 में फिरोजपुर में अपने पिता के चैंबर में कानूनी पेशे में शामिल हुये। फिरोजपुर में तीन साल तक वकालत करने के बाद, जहां उन्हें सभी प्रकार के कार्य करने का मौका मिला, वह वर्ष 1958 में चंडीगढ़ स्थित पंजाब के उच्च न्यायालय में वकालत करने हेतु स्थानांतरित हो गए। उन्हें 21 वर्षों तक उच्च न्यायालय स्तर पर सिविल, आपराधिक, राजस्व, भूमि कार्यकाल और रिट मामलों को करने का अवसर मिला। इस अंतराल में, कुछ समय के लिए पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के कानून विभाग में अंशकालिक प्राध्यापक और चंडीगढ़ प्रशासन हेतु स्थायी अधिवक्ता भी रहे। इस दौरान रोटेरियन भी रहे। 24.10.1979 को चंडीगढ़ में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में दो साल के लिए अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया, जिसका कार्यकाल 16.12.1982 को स्थायी न्यायाधीश बनने तक समय-समय पर बढ़ाया रहा। 6.10.1989 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने। 18.1.1998 को भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किये गये। 9.10.1998 को सेवानिवृत्त हुये। पारिवारिक जीवन: मीरा पुंछी से सुखी विवाह – उनकी दो विवाहित बेटियाँ हैं, एक की शादी पेशे से अधिवक्ता से हुई है और दूसरी की शादी पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट से हुई है, दोनों चंडीगढ़ में रहते हैं – उनके दो बेटे हैं, एक विदेश में एम.बी.ए. की पढ़ाई कर रहा है और दूसरा चंडीगढ़ में कानून की पढ़ाई कर रहा है।