न्यायमूर्ति के.वी. विश्वनाथन

- 26 मई 1966 को जन्म।
- पिता श्री के.वी. वेंकटरमन और माता श्रीमती ललिता वेंकटरमन।
- श्रीमती जयश्री विश्वनाथन से विवाह; दो पुत्रियां।
- अरोकियामाथा मैट्रिकुलेशन हायर सेकेंडरी स्कूल, पोलाची; सैनिक स्कूल अमरावतीनगर और सेंट जोसेफ हायर सेकेंडरी स्कूल, ऊटी में अध्ययन किया।
- पांच वर्षीय विधि पाठ्यक्रम (1983 – 1988) के पहले बैच के भाग के रूप में कोयंबटूर लॉ कॉलेज, भारथिअर विश्वविद्यालय, कोयंबटूर से प्रथम रैंक के साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त की और बैचलर ऑफ लॉ की उपाधि प्राप्त की।
- 28 अक्टूबर 1988 को बार काउंसिल ऑफ तमिलनाडु की नामावली पर एक अधिवक्ता के रूप में नामांकित किया गया और बार काउंसिल ऑफ दिल्ली की नामावली में स्थानांतरित कर दिया गया।
- 1983 और 1988 के बीच कॉलेज के दिनों के दौरान कॉम्बैटोर में एक प्रमुख आपराधिक अधिवक्ता स्वर्गीय श्री के.ए.रामचंद्रन के चैंबर में भाग लिया।
- बाद में नवंबर, 1988 से नई दिल्ली में वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व अतिरिक्त महासॉलिसिटर श्री सी.एस. वैद्यनाथन के चैंबर में शामिल हुए और अक्टूबर, 1990 तक कार्य किया। सर्वोच्च न्यायालय, दिल्ली उच्च न्यायालय और दिल्ली में विभिन्न अधीनस्थ न्यायालयों और अधिकरण के समक्ष महत्वपूर्ण मामलों में उनकी सहायता की।
- नवंबर, 1990 से जून, 1995 तक वरिष्ठ अधिवक्ता और भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल श्री के.के. वेणुगोपाल के साथ काम किया और सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के समक्ष महत्वपूर्ण मामलों में उनके साथ उपस्थित हुए।
- जून, 2002 में हार्वर्ड लॉ स्कूल, बोस्टन, मैसाचुसेट्स में वकीलों के लिए निर्देश कार्यक्रम में भाग लिया।
- 28 अप्रैल 2009 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पूर्ण न्यायालय द्वारा एक वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया।
- 26 अगस्त 2013 को भारत के अतिरिक्त महासॉलिसिटर के रूप में नियुक्त हुए और मई, 2014 तक इस पद पर रहे।
- अपनी वकालत के दौरान भारत के सर्वोच्च न्यायालय और देश भर के कई उच्च न्यायालयों के समक्ष उपस्थित हुए। एक वरिष्ठ अधिवक्ता और अतिरिक्त महासॉलिसिटर के रूप में, विधि के विभिन्न विषयों पर व्यापक मामलों में उपस्थित हुए, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठों के समक्ष कई प्रस्तुतियां भी शामिल थीं।
- सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष कई महत्वपूर्ण मामलों में न्याय मित्र के रूप में उपस्थित हुए।
- राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण [एन.ए.एल.एस.ए.] के सदस्य रहे ।
- सर्वोच्च न्यायालय विधि सेवा समिति के सदस्य रहे।
- सर्वोच्च न्यायालय मध्य आय समूह विधिक सहायता समिति के सचिव और बाद में कोषाध्यक्ष रहे।
- न्यायमूर्ति वर्मा जांच आयोग और 1991 में न्यायमूर्ति एम.सी. जैन जांच आयोग के समक्ष उपस्थित हुए।
- ‘न्याय प्रशासन’ विषय के अंतर्गत ‘मौलिक कर्तव्यों के प्रभाव’ पर मुख्य न्यायमूर्ति जे.एस. वर्मा समिति की रिपोर्ट में योगदान दिया।
- विभिन्न राष्ट्रीय प्रकाशनों में संपादकीय लेखों में योगदान दिया और लॉ कॉलेजों में व्याख्यान दिए।
- अन्य रुचियों में कथेतर साहित्य पढ़ना और सभी खेल देखना शामिल हैं।
- 19 मई, 2023 को बार से सीधे भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया।