न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता

इनका जन्म 9 फरवरी, 1965 को कलकत्ता में मीरा और न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) सलिल कुमार दत्ता के घर हुआ। 1989 में हाजरा लॉ कॉलेज, कलकत्ता विश्वविद्यालय से स्नातक होने के बाद, माननीय न्यायमूर्ति ने उसी वर्ष बार काउंसिल ऑफ वेस्ट बंगाल में एक अधिवक्ता के रूप में नामांकन कराया। कलकत्ता उच्च न्यायालय, अन्य उच्च न्यायालय, अधिकरणों, तथा भारतीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष भी माननीय न्यायमूर्ति ने अपनी लगभग सोलह वर्ष लंबी व्यापक वकालत के दौरान पश्चिम बंगाल राज्य, भारत संघ तथा एकाधिक विधिक प्राधिकरणों सहित विभिन्न वादकारियों का प्रतिनिधित्व किया। माननीय न्यायमूर्ति 1996-97 और 1999 2000 के बीच यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लॉ, कलकत्ता विश्वविद्यालय में संवैधानिक विधि पर संविदात्मक लेक्चरर भी थे।
22 जून, 2006 को इन्हें कलकत्ता उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया और 28 अप्रैल, 2020 को बॉम्बे उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति के रूप में नियुक्त किया गया। बॉम्बे उच्च न्यायालय के शीर्ष पर ढाई साल से अधिक समय तक रहने के बाद, माननीय न्यायमूर्ति ने 12 दिसंबर 2022 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण किया। माननीय न्यायमूर्ति का 8 फरवरी, 2030 को पदभार त्यागना नियत है।