न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना

- 30 अक्टूबर 1962 को बेंगलुरु में जन्मीं।
- 1984 में जीसस एंड मैरी कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में बी.ए. (ऑनर्स) किया। कैंपस लॉ सेंटर, दिल्ली विश्वविद्यालय से जुलाई 1987 में एल.एल.बी. की उपाधि प्राप्त की।
- 1987 में के.ई.एस.वी.वाई. एंड कंपनी, अधिवक्तागण में विधि में वकालत शुरू कीऔर 2008 में कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत होने तक जुलाई 1994 में स्वतंत्र वकालत शुरू की। प्रशासनिक विधि; संवैधानिक विधि; वाणिज्यिक विधि; पारिवारिक विधि, आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में वकालत की। कर्नाटक राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण और उच्च न्यायालय विधि सेवाएँ समिति का प्रतिनिधित्व किया। कुछ मामलों में न्यायमित्र के रूप में भी नियुक्त की गई थीं।
- 18 फ़रवरी, 2008 को कर्नाटक उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश और 17 फ़रवरी, 2010 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुईं।
- कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कुछ पदों को धारण किया: (1) अध्यक्ष, कर्नाटक न्यायिक अकादमी; (2) अध्यक्ष, बैंगलोर मध्यस्थता केंद्र, बेंगलुरु।
- कर्नाटक के न्यायालयों पर अध्याय पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी पुस्तक “कोर्ट्स ऑफ़ इंडिया” में योगदानकर्ता: अप्रैल 2021 में जारी पुस्तक “कोर्ट्स ऑफ़ इंडिया” का कन्नड़ अनुवाद लाने के प्रभारी समिति के अध्यक्ष।
- 31 अगस्त 2021 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया।
- 29 अक्टूबर, 2027 को सेवानिवृत्ति नियत है।