न्यायमूर्ति अमिताव रॉय

न्यायमूर्ति अमिताव रॉय का जन्म 1.3.1953 को कोलकाता, पश्चिम बंगाल में हुआ था। वह अधिवक्ताों के परिवार से हैं। उनके पिता स्वर्गीय अनादि भूषण रॉय असम राज्य के डिब्रूगढ़ में एक प्रतिष्ठित वरिष्ठ अधिवक्ता थे। उनके ससुर स्वर्गीय सलिल कुमार दत्ता कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे। उनके बहनोई, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता कोलकाता उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश हैं।
- उनकी शिक्षा डिब्रूगढ़ में हुई। डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय से भौतिकी में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने 1976 में उसी विश्वविद्यालय से एलएलबी की उपाधि प्राप्त की।
न्यायमूर्ति अमिताव रॉय को 20.02.1976 को असम, नागालैंड, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश की बार काउंसिल में नामांकित किया गया था। उन्होंने 1976 से 1981 तक डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया जिलों में जिला न्यायालय के समक्ष बड़े पैमाने पर वकालत की थी। उन्होंने 1981 में गौहाटी उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी वकालत को स्थानांतरित कर दिया और तब से गौहाटी उच्च न्यायालय, केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण, गौहाटी और गौहाटी में जिला अधीनस्थ न्यायालय के समक्ष पेश हुये। गौहाटी में अधीनस्थ न्यायालय। उन्होंने मुख्य रूप से सिविल, आपराधिक, संवैधानिक, श्रम और राजस्व पक्ष पर वकालत की। वह 1991 से 1996 तक गुवाहाटी उच्च न्यायालय में अरुणाचल प्रदेश सरकार के वरिष्ठ सरकारी अधिवक्ता भी रहे। वह अपनी पदोन्नति तक असम कानून आयोग के सदस्य थे। उन्हें 03.06.1999 को उच्च न्यायालय द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता नामित किया गया था।
- उन्हें 04.02.2002 को गौहाटी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया और उन्हें राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया और 2.1.2013 को उन्होंने शपथ ली। इसके बाद उनका तबादला कर दिया गया और 06.08.2014 को उन्हें उड़ीसा उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। पदोन्नत होने पर उन्होंने 27.02.2015 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।