न्यायमूर्ति डी के जैन

न्यायमूर्ति डी.के. जैन का जन्म 25 जनवरी 1948 को हुआ था। 9 अगस्त 1974 को दिल्ली में एक वकील के रूप में नामांकित हुये। विभिन्न न्यायालयों और अधिकरणों में राजस्व, नागरिक और संवैधानिक पक्षों में वकालत की। 1983 में आयकर विभाग के लिए विशेष अभियोजन अधिवक्ता के रूप में नियुक्त हुये। 2 जनवरी, 1986 से आयकर विभाग के लिए अतिरिक्त स्थायी अधिवक्ता और 1 सितंबर, 1987 से वरिष्ठ स्थायी अधिवक्ता के रूप में नियुक्त किए गए और सभी प्रकार के सिविल और आपराधिक मामलों पर कार्य किया। 19 मार्च, 1991 को दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुये और 23 जनवरी, 1992 को स्थायी न्यायाधीश बने। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 1980, चोरबाज़ारी निवारण और आवश्यक वस्तु प्रदाय अधिनियम, 1980, स्वापक औषधि और मनःप्रभावी पदार्थ अवैध व्यापार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत राज्य सलाहकार बोर्ड के सदस्य के रूप में नियुक्त किए गए, और 6 दिसंबर, 1994 को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली तक विस्तारित पंजाब राज्य सुरक्षा अधिनियम, 1953 के तहत राज्य सलाहकार परिषद के सदस्य के रूप में नियुक्त किए गए। 5 अक्टूबर, 1995 को विदेशी मुद्रा संरक्षण और तस्करी निवारण अधिनियम, 1974 के तहत केंद्रीय सलाहकार बोर्ड के सदस्य के रूप में नियुक्त किए गए और फिर 8 नवंबर, 2001 को इसके अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किए गए। 11 मार्च 2005 को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति के रूप में नियुक्त किए गए। 10.4.2006 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किए गए। 24.01.2013 को सेवानिवृत्त हुये।