वर्ष 2015 में स्थापित अनुसंधान एवं योजना केंद्र (अनु.यो.कें.), सर्वोच्च न्यायालय का समर्पित नीति केंद्र है। केंद्र न्यायिक सुधारों के लिए कई परिवर्तनकारी पहलों और कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित करता है ताकि न्याय सेवा प्रणाली की दक्षता और संवहनीयता में सुधार किया जा सके, न्यायशास्त्र का विकास किया जा सके और आधुनिक तकनीक का उपयोग करके डेटा संग्रह की गुणवत्ता में सुधार किया जा सके। बेहतर परिणाम और दक्षता प्राप्त करने के लिए, अनु.यो.कें.के पास विधि अनुसंधान, योजना और न्यायिक प्रणालियों के विशेषज्ञ अधिकारियों और पेशेवरों की एक टीम है। यह अनुसंधान और शिक्षा, विधि एवं न्यायिक शिक्षा और न्यायिक प्रशासन के बीच एक सेतु का कार्य करता है।
अनु.यो.कें.केदायित्वों के मुख्यदायरे :
- उपलब्ध डेटा और जानकारी के साथ-साथ नए अनुसंधान के माध्यम से महत्वपूर्ण न्याय वितरण मुद्दों की नीति और योजना पत्र तैयार करना।
- भारतीयउच्चतम न्यायालय के माननीय मुख्य न्यायाधीश, माननीय न्यायाधीशों और अन्य समितियों के निर्देशानुसार महत्वपूर्ण अनुसंधान के लिए सहायता प्रदान करना।
- विधिक एवं व्यावसायिक शिक्षा को विधिशास्त्र संबंधी एवं व्यवहारिक दृष्टि से सुदृढ़ करने हेतु नीति एवं योजना बनाना।
- भारतीय उच्चतम न्यायालय के नए विधि लिपिकों के लिए अनुसंधान पद्धति और प्रशिक्षण में अभिविन्यास कार्यक्रम, कार्यशालाएं और प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार करना।
- भारतीय उच्चतम न्यायालय के न्यायशास्त्र पर सामयिक सेमिनार आयोजित करना।
- भारतीय उच्चतम न्यायालय के प्रमुख निर्णयों के साथ-साथ कानून और न्याय में न्यायालय का योगदान और न्यायालयों के कामकाज की व्याख्या करने वाले कार्यक्रम/दस्तावेज तैयार करना।
संयोजन
पद का नाम | नाम | संपर्क |
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निबंधक | श्री अरुल वर्मा | osd[dot]arulvarma[at]sci[dot]nic[dot]in 011-23112510 |
निदेशक-सह-अपर रजिस्ट्रार | सुश्री हर्षिता मिश्रा | director[dot]crp[at]sci[dot]nic[dot]in 011-23115657 |
उप निबंधक | सुश्री कृति शर्मा | dyreg[dot]crp[at]sci[dot]nic[dot]in 011-23115652 |
सहायक रजिस्ट्रार (अनुसंधान)-सह सहायक फेलो | सुश्री पद्मा लाडोल | 011-23115781 |
सलाहकार | सुश्री वृष्टि शमी | vrishtishami[at]gmail[dot]com 011-23116226 |
सलाहकार | श्री शुभम् कुमार | kumarshubham2309[at]gmail[dot]com 011-23116397 |
अनु.यो.कें. अधिकारियों की सहायता के लिए अनुसंधान सहायकों और विधि लिपिकों को भी नियुक्त करता है।