सर्वोच्च न्यायालय न्यायाधीश पुस्तकालय, जिसे वर्ष 1937 में फेडरल न्यायालय पुस्तकालय के रूप में स्थापित किया गया था, एशिया के सबसे विशालतम विधि पुस्तकालय में से एक है। इसमें माननीय न्यायालयों एवं न्यायाधीशों की आवश्यकताओं का समर्थन करने के लिए महत्वपूर्ण विधि साहित्य शामिल है।
सर्वोच्च न्यायालय पुस्तकालय एक अत्याधुनिक पुस्तकालय है जिसमें 3,80,000 से अधिक विधिक दस्तावेज हैं जो पुस्तकों, मोनोग्राफ, विधि के विश्वकोशीय सेट(भारतीय एवं विदेशी दोनों), विधि रिपोर्टों, परिनियमों, आयोग/समिति रिपोर्टों, राज्य विधान, संसदीय वाद-विवाद, अन्य विधायी सामग्रियों और ई-संसाधनों के रूप में ऑनलाइन रिपोर्टों और सीडी-रोम विधिक डाटाबेस के रूप में प्रकट होते हैं। अधिनियमों, संशोधनों(केंद्रीय एवं राज्यों दोनों के), नियमों, विनियमों, उपविधियों, योजनाओं और अधिसूचनाओं का पूर्ण प्रलेखीकरण पुस्तकालय द्वारा किया जा रहा है जिससे इन्हें आवश्यकता के समय माननीय न्यायालयों और माननीय न्यायाधीशों को शीघ्रता से उपलब्ध कराया जा सके। न्यायाधीश पुस्तकालय 131 पत्रिकाओं की सदस्यता लेती है, जिनमें 107 भारतीय और 24 विदेशी प्रकाशन, 19 समाचार पत्र और 8 पत्रिकाएँ शामिल हैं।
न्यायाधीश पुस्तकालय पुस्तकालयों का एक नेटवर्क है। मुख्य पुस्तकालय ए ब्लॉक, अतिरिक्त भवन परिसर के चारों तलों (भू-तल+3) पर विस्तृत है और इसे 24 अप्रैल 2023 को भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश डॉ. डी. वाई. चंद्रचूड़ द्वारा प्रयोजनमूलक बनाया गया था।
सर्वोच्च न्यायालय न्यायाधीश पुस्तकालय 03 राष्ट्रीय अवकाशों, होली और दिवाली त्योहार को छोड़कर सभी 365 दिनों तक कार्यशील रहता है। यह पुस्तकालयों का एक नेटवर्क है जिसमें 34 आवासीय पुस्तकालय और 14 न्यायाधीश-कक्ष पुस्तकालय और 3 कागज-पत्र रहित न्यायालयों के लिए 3 डिजिटल न्यायालय पुस्तकालय हैं। न्यायालय कक्षों में प्रोद्धरण के समय माननीय न्यायाधीशों को उद्धृत पुस्तकें उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक न्यायालय में पुस्तकालय स्टाफ के दो सदस्यों को अभिनियोजित किया जाता है। माननीय न्यायाधीशों के आवासीय कार्यालय से दूरभाषिक मांगों को आवासीय कार्यालय में आवश्यक जानकारी/दस्तावेज भेजकर पूरा किया जाता है। पुस्तकालय का प्रबंधन व्यावसायिक पुस्तकालयाध्यक्षों(लाइब्रेरियन)और अन्य सहायक कर्मचारियों द्वारा किया जाता है।
नए पुस्तकालय की दूसरी मंजिल में सोली सोराबजी की बिब्लियोथेका भी है, जो पूर्व अटॉर्नी जनरल और संवैधानिक विशेषज्ञ स्वर्गीय श्री सोली सोराबजी के व्यक्तिगत संग्रह की कुछ पुस्तकें हैं, जो उनके परिवार द्वारा न्यायाधीश पुस्तकालय को दी गई थीं। 24 अप्रैल 2023 को भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश द्वारा स्वर्गीय श्री सोली सोराबजी के चित्र का अनावरण करके इस बिब्लियोथेका(ग्रंथसूची) को प्रयोजनमूलक बनाया गया था।